उद्ध्वस्त होण्या वादळे नेतात का कोणी घरी लेखनाचा धागा |
सुप्रिया जाधव. |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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लागल्या पोटी कळा मध्येच.. हे झाले बरे? (विडंबन) लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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लागल्या पोटी कळा मध्येच.. हे झाले बरे? (विडंबन) लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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लागली आताच मजला ठेच, हे झाले बरे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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बेबंद फुलताना... लेखनाचा धागा |
विजय दिनकर पाटील |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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जाणले आहे तुला मी .... लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मनातल्या मनात हे कुणी मला पुकारले? लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मनाच्या गुदगुल्या लेखनाचा धागा |
ह.बा. |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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''प्रकाशन सोहळा'' कार्यक्रम |
डॉ.कैलास गायकवाड |
Jan 14 2017 - 7:48pm |
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ओळखू नाही मला आला सुखाचा चेहरा! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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''काय झाले'' लेखनाचा धागा |
डॉ.कैलास गायकवाड |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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प्रेम करणे, ते टिकवणे ही कला आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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आतला आवाज माझा,,, लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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घरबसल्या संपर्क जगाशी साधत आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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घरे वाहून गेलेली प्रवाही.... लेखनाचा धागा |
अनंत ढवळे |
Jul 27 2017 - 12:02am |
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शब्दब्रह्माचाच मी आहे पुजारी! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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तारा कुणी मनाच्या या छेडल्या अचानक? लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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विसकटलेली घडी बसवती समर्थ स्वामी! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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नकोसे वाटते लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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काल चाखली तेव्हा मजला अर्थ कळाला डुलण्याचा! लेखनाचा धागा |
चैत रे चैत |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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काय तो वदणार मजला पाठ आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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हृदयाची मशाल केली...घनदाट किती तम आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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मीहून स्वत: स्वप्नांच्या सरणावर गेलो होतो! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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खरेच जादू, प्रिये! तुझ्या पैंजणात आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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शीड नाही, ना सुकाणू! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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आसवांना भाव नाही लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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मी .. लेखनाचा धागा |
कमलाकर देसले |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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तो अश्रूंचा ऋतू होता.. लेखनाचा धागा |
भारती.. |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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कधी कधी लेखनाचा धागा |
तुष्कीनागपुरी |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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दाटते आहे निराशा फार हल्ली (तरही) लेखनाचा धागा |
इस्रो |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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