झोपलो मी काय मजला याद नाही(विडंबन) लेखनाचा धागा |
येऊकामी. |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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कधीच नाही गणले वास्तव...खयाली तरही लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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बोललो मी काय मजला याद नाही! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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पहारा लेखनाचा धागा |
राजीव मासरूळकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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नाहीस तू तुझा पण, येथे सुवास आहे! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मुखवटा का आसवे ढाळीत आहे? --खयाली तरही-- लेखनाचा धागा |
कावळा |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मौन लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मला न जमले................. लेखनाचा धागा |
वनिता तेंडुलकर ... |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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शेवटी मिसळेन पण मातीत मी (तरही) लेखनाचा धागा |
मिल्या |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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रचला तुझ्यावरती पुन्हा अल्लड तराणा लेखनाचा धागा |
तिलकधारी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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ती वागली कशीही म्हण चांगलीच आहे लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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जाळुनी काळीज केली रोषणाई! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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तुझ्या भुकेमुळे मागे फिरावे लागले आम्हा!(विडंबन) लेखनाचा धागा |
येऊकामी. |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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आता कुठे जिण्याची आली जरा उभारी! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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हजल : चिखलफेक लेखनाचा धागा |
राजीव मासरूळकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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द्विमात्रिक गझल... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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दुरापास्त लेखनाचा धागा |
समीर चव्हाण |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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कागदी होती फुले अन् बेगडी सन्मान होते! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मुक्या अप्सरेचा मुका गार होता... लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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गझलियत वाटुनी बोट खाशी... लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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उधळीत फक्त गेलो मी गंध भोवताली! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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लाख दुःखे मी उशाशी ठेवतो लेखनाचा धागा |
राजीव मासरूळकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मुक्या वेदनांचा मुका मार होता! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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आपलाच पत्ता येर बनला... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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तुझी स्पंदने आज लपवू नको... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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चेहरा भलताच माझा बोलका! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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नाव काढू नकोस चकण्याचे... (विडंबन) लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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तुझ्या हाकेमुळे मागे फिरावे लागले आम्हा! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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हात तो कोणापुढे पसरायचा नाही! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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काळीज सोलणारा सारा प्रसंग होता! लेखनाचा धागा |
सतीश देवपूरकर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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