बाहुलीचे लग्न मी लावीत आहे..... लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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बिघडला आहे तुझा स्वयपाक राणी (हझल) लेखनाचा धागा |
सुशांत खुरसाले |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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पसारे लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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आज माझे भानही उरलेच नाही लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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हाय! गझलेचे हवे जय श्वास आता! लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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तुलाही पाहिजे आहे स्वतःचा वेगळा रस्ता लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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ती रात्र एक गाथा नवखी लिहीत होती... लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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वापराया लागलो लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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ह्र्दय एवढे धडधडत का असावे ? (तरही लेखनाचा धागा |
इस्रो |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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इतक्या छोट्या आनंदांनी का हुरळावे लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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वणवण भटकुन जरी पोचलो तुझ्या घराशी.. लेखनाचा धागा |
सुशांत खुरसाले |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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ताज्याच औषधाचा माझाच ध्यास होता लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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वेगळा लेखनाचा धागा |
श्रीवल्लभ खंडाळीकर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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हात सोडावा उन्हाचा सावलीने ? लेखनाचा धागा |
सुप्रिया जाधव. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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तुझे वाचते फक्त डोळे....... लेखनाचा धागा |
भाग्यश्री ७ |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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ग्रंथ लेखनाचा धागा |
जयदीप. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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हलके हलके...... लेखनाचा धागा |
भाग्यश्री ७ |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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माझा इथे कुणीही शत्रू न मित्र आहे लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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दडवली वादळवारे लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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उल्लेख तुझा केला पण...... लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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मला तुझ्या घरातला तसू नको लेखनाचा धागा |
भाग्यश्री ७ |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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बदलता दु:खही येते.. (खपवता दु:खही येते..) लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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रस्ता चुकावयाचे नाना प्रकार झाले लेखनाचा धागा |
सुप्रिया जाधव. |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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आठवणींची किनार आहे लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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तिथेच लागते जिथे जखम असते (तरही) लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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आता ती माझी नाही लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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मराठी माणसाला एकही धंदा जमत नाही लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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पहा लक्ष देऊन हसण्याकडे.. लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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सारे जुनेच आहे काही नवीन नाही. . . (तरही) लेखनाचा धागा |
इस्रो |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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खंत नाही लेखनाचा धागा |
निशिकांत |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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