थोरांचे काही चिंतनशील शेर लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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थोडे जगून घेते लेखनाचा धागा |
सुप्रिया जाधव. |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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श्वास माझे-तुझे एक व्हावे! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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तुझे हे वागणे आहे चुकीचे! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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हातही देशील तू पण, तेवढाही धीर नाही! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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अविचार लेखनाचा धागा |
समीर चव्हाण |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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रोज आयुष्य वाटे नवे! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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''काही सुटे शेर'' लेखनाचा धागा |
डॉ.कैलास गायकवाड |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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आत्महत्या बळीच्या तू रोख वामना लेखनाचा धागा |
अभय आर्वीकर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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एकाच भावार्थावर/भावभूमीवर/प्रतिमेवर आधारीत दोन-दोन/तीन शायरांचे शेर...... लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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नव्हते मनामध्ये तरी, मज हे करावे लागले! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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भारतीय मातीची गझल - दुष्यंतकुमार त्यागी लेखनाचा धागा |
विजय दिनकर पाटील |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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कैक झाले जन्म माझे, का न मिळती उत्तरे? लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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माझी गझल निराळी लेखनाचा धागा |
अभय आर्वीकर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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जेव्हा स्वतःला वाटते मी का बरे जगतो लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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ते करू देत माझी बुराई! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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मनधरणी लेखनाचा धागा |
pulasti |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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संपली स्पंदने, संपल्या वेदना! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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खायचे वांधे, कशाची रे मिठाई? लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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काळजाची खुळी आस तू लेखनाचा धागा |
अभय आर्वीकर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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सतावे सारखी चणचण! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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कागदी होती फुले अन् बेगडी सन्मान होते! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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आरसाही मागतो आता पुरावे लेखनाचा धागा |
SADANAND BENDRE |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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कुणास ज्ञात तुझी आज थोरवी नाही! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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शाहण्यांस गाढवेच बोलतात गाढवे! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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मरणे कठीण झाले - स्पर्धा विजेती गझल लेखनाचा धागा |
अभय आर्वीकर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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आजकाल केवढे फुशारतात काजवे! लेखनाचा धागा |
कर्दनकाळ |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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आजही.. लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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अजून आहे ठरायचे..... लेखनाचा धागा |
आनंद पेंढारकर |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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देव लेखनाचा धागा |
उद्दाम हसेन |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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