अभंग
येत्या जन्मी पक्षी। करि मला देवा।
वैराग्याने खोपा। सोडे सहजी।।
येत्या जन्मी देवा। कर वृक्ष वल्ली।
स्थिर कर्मयोगी। दुजा नाही।।
वाघरू होईन। आनंदाने देवा।
पोटासाठी हिंसा। धर्मची तो।।
नर जन्मी देवा। दिली मज बुद्धी।
परि मनी भिंगरी। बांधिली गा।।
नर जन्म दिधला। उपकार देवा।
घेईन केशवा। नाम तुझे।।
-रोहन