घाल लाथ पेकाटात! लेखनाचा धागा |
सखा |
Jan 14 2017 - 8:01pm |
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अनैसर्गिक लेखनाचा धागा |
सखा |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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मस्त पड म्हणा लेखनाचा धागा |
झंप्या दामले |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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झोपेत वर्गात येणे, अन येऊन पुन्हा झोपणे (विडंबन) लेखनाचा धागा |
लतांकुर |
Jan 14 2017 - 8:00pm |
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गोळाबेरीज लेखनाचा धागा |
इब्लिस |
Jan 14 2017 - 7:59pm |
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आता जिणे बास झाले... लेखनाचा धागा |
राजेंद्र देवी |
Jan 14 2017 - 7:59pm |
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हेवन करेंगे लेखनाचा धागा |
झंप्या दामले |
Jan 14 2017 - 7:59pm |
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पिये तो पिये कैसे? (फक्त बेवड्यांसाठी) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:59pm |
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पुर्या लाटण्याची मला हौस नाही. (विडंबन) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:59pm |
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नाते लेखनाचा धागा |
राजेंद्र देवी |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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कावळा लेखनाचा धागा |
कावळा |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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केस पांढरा (तरूण कविता !) लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 7:58pm |
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मळलेले गाउन माझे..! (इन्स्टन्ट विडंबन) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Dec 8 2023 - 8:42am |
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घर आहे की आहे बरे चंबळ इथे ! लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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पुन्हा रांगच पावली.... लेखनाचा धागा |
रसप |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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तुज बघता.. लेखनाचा धागा |
प्रसाद पासे |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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कुठे शोधिसी दांडेकर अन कुठे शोधिसी होळकर (विडंबन) लेखनाचा धागा |
किरण कुमार |
Aug 20 2021 - 3:20am |
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डासा चाव रे, ढेकणा चाव रे लेखनाचा धागा |
राजे विडंबनश्री |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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आरती गझलकाराची लेखनाचा धागा |
राजे विडंबनश्री |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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गझलियत वाटुनी बोट खाशी... लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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नाव काढू नकोस चकण्याचे... (विडंबन) लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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फोटोशोषण ! लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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१ फेब्रुवारीपासून गुलमोहरात झालेले बदल लेखनाचा धागा |
बेफ़िकीर |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मी म्हणालो, आहे यंदा पंचवीसावे लागते (कैच्याकै हज़ल?) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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मी म्हणालो, आहे यंदा पंचवीसावे लागते (कैच्याकै हज़ल?) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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उडदामाजी काळे गोरे.... (अतिजलद....हझल) लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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ताटात मिळते डाळ इथे गार हल्ली (हजल) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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एरवी समजतो मी स्वतःला दबंग वा रावडी (विडंबन) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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पाहीलेस का कधी तू, म्हशीस रेकताना? (विडंबन) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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'पापी' कशी माणसे? (आगाऊ विडंबन) लेखनाचा धागा |
A M I T |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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