श्रीगणेशाय नमः |
शांतिमंत्र
ओम् भद्रं कर्णेभि: शृणुयाम देवा: |
भद्रं पश्येमाक्षिभिर्यजत्रा: |
स्थिरैरंगैस्तुष्टुवांसस्तनुभि: |
व्यशेम देवहितं यदायु: ||
ओम् शांति: शान्ति: शान्ति: ||
स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवा: |
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदा: |
स्वस्त नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमि: |
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ||
ओम् शांति: शान्ति: शान्ति: ||
ओम् तन्मामवतु
तद्वक्तारमवतु
अवतु माम्
अवतु वक्तारम्
ओम् शांति: शान्ति: शान्ति: ||
I have always recommended AUTOBIOGRAPHY of a YOGI to everyone I met. Now, adding one more book (as easy to read as for 5th grade student.) to the list "Everything you need to know about Karma" by J.P. Waswani.
(1) The book details importance of omnipotent and omnipresent yet "Subtle law of Karma". ==> Everything happening to you is due to YOUR OWN deeds in past or this life.
विद्यावाचस्पती अभ्यंकरांच्या प्रवचनाबद्दल अभिप्राय.
मरणोत्तर अन्तिमसन्स्कारान्चे अनुभव व त्यावरील भाष्य
''सबसे बडा गुरू.. गुरूसे बडा गुरू का ध्यास..
और उससे बडे श्री स्वामी समर्थ महाराज...''
गेल्या वर्षभरात कमीतकमी चार पाच वेळा शनिवारी किंवा रविवारी अनपेक्षित बेल वाजते . दार उघडलं तर चार भारतीय मंडळी उभी . तोंडभर हसून आम्ही स्वाध्यायी आहोत, या भागातल्या भारतीय लोकांशी बोलायला आलोत अशी प्रस्तावना.