मेहफिल
दुनिया की इस मेहफिल मे,
जब बेमेहफिल हो गई थी मै
इक मेहफिल ने अपनाया मुझको,
वो मेहफिल तुम्हारी थी..
जब मुंह फेर लिया मेहफिलसे,
और बंद कर लिये दरवाजे
दरवाजेपे बस दस्तक तुम्हारी थी..
अब खोल के सारे दरवाजे,
जब देख रही हूं ये दुनिया
तो ये नजर भी तुम्हारी है..
अब तो लगता है के शायद मै भी..