हैदराबादी बोली, हैदराबादी स्वॅग

Submitted by अनिंद्य on 18 July, 2022 - 07:56

(चित्रसौजन्य :- श्री. नटराजन जयरामन)

हैदराबाद सिर्फ सिटीच नै, एक इमोशन है कैते, गलत नै कैते.

नुकतेच एका पाककृतीच्या धाग्यावर 'सौदा' या एकाच शब्दाचे अनेक अर्थ असा काथ्याकूट करत असतांना ' 'हैदराबादी बोली' पुढ्यात आली. माबोकर जेम्स वांड आणि अमा / अश्विनीमावशी दोघांनी फार मजेदार शब्द आणि प्रसंग लिहिले. हैद्रबादकरांचे त्यांच्या आगळ्यावेगळ्या पद्धतीचे मिठ्ठास बोलणे, 'लब्बड' की चप्पल आणि लगाया थोबडे पे 'लप्पड' असे अनेक सीन डोळ्यासमोर तरळून गेले.

पुढे वेगळा धागा काढून हैदराबादी Swag वर चर्चा करायची अशी सूचना आली, त्याची अंमलबजावणी म्हणून हा धागा.

तर मंडळी, माझ्या आवडत्या हैदराबाद शहराची शान असलेल्या 'हैदराबादी बोली' मध्ये गप्पा टप्पांसाठी हा धागा. हैदराबादशी संबंधित, हैदराबादी बोलीतील anything goes !

आपल्याकडे मराठवाडा आणि विदर्भातल्या अनेक गाव-शहरात या हैदराबादी बोलीतले शब्द सर्रास आढळतात, तेही घेऊ या.

तो आने दो 'मेरेकु तेरेकु' वाली हैदराबादी बोली के एक्साम्प्लां Happy

कित्तेबी आये तो कमीच है Happy

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@ कू-ब-कू

स्वाती, Brilliant ! 👏

“कू-ब-कू जुलाहे बे-लिबास मिले” असा काहीसा शेर आहे तो, नीट आठवत नाहीये मला.

@ बने बनाये खाने की किमत

साधना, bang on ! सही बोलरै तुम. जिनकू रेडी मिलता उनों क़िस्मत वाले. खवातीनों को रेडी खाना तो किसी नेमत से कम नै. हैदराबादी बेगम कू इसी वास्ते ऐसे माकूल जवाबां सूझरै देखो.

@ वामन राव, क्या बात ! फौरी नज्मकारी का फन भी है तुम्हारे कने ! Multi- talented. 👍

@ धनी, rmd, माधव, देवकी, निलूदा

थँक्यू !

कू-ब-कू कूइच देखनेकू होना क्या. >>> हौ. अब चार मिनारा जैसा चार कू दिखा दिया आपने और एक नया लफ्झ भी सिखा दिया उसके लिए शुक्रिया.

रुबरु माहित होता, कूबकू आजच कळला.

अनिंद्य, माधव Happy

अनिंद्य, तुम्ही म्हणताहात तो शेर नाही ऐकलेला मी. मला परवीन शाकिरचा हा माहीत होता:

कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उस ने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की

शब्बो: जुम्मन , वैसे तुम बडे नसीबवाले हो.
मैने तो तुम्हे देखे बगैर ही शादी कू हां बोल दिया...
( तब कौन इतना सोचता..बस अब्बू बोले और मैने हां की)

जुम्मन:
शब्बो., ...खुदा खैर करे....
तुम तो उससे भी किस्मतवाली हो फिर.
मैने तो तुम्हे देखने की बावजूद भी तुमसे शादी की.... तो ये तो मेरा ही बडकपन है ना?

आज जुम्मा है तो मायबोली पे मेरी जानिब से हैदराबादी किस्सा फ़र्ज़ रैता. खुद लिखावा किस्सा है.

शौहर हौर बेगम बातां कर रै, सुनो:

- तुमकू मालूम ? बचपने में मेरा एकीच शौक़ था : अपने शौहर की ख़ूब ख़िदमत करना 😇

- सच्ची ? फिर मेरे से इतना काम करवाते, कायकू नै करते तुम मेरी ख़िदमत जरीना बेगम ?

- बताई ना पैलेच तुम कू ? बचपने का शौक. बचपना खतम शौक बी खत्तम

😄 😄 😄

Lol भारी
खास करके , वो खत्तम लिखावा भोत ही किर्राक!

… अगदी हैदराबादी आवाजात ऐकू येते….

किस्स्यांचे ऑडियो करायचे आहे पण …. समहाऊ कंटाळा आणि आळसाच्या चक्रात अडकले आहे ते.

ही मस्त हैदराबादी कविता वाचली. Happy

इथे खूप जणांनी वाचली असेलही, पण ज्यांना माहिती नाही त्यांच्यासाठी.

शायर क़ामाक़ा हैदराबादी हैं

नई बोले तो सुनते नै

देखो कित्ता समझराओं मैं
नई बोले तो सुनते नै

अपना मन मानी तुम करैं
नै बोले तो सुनते नै

करने के जो काम हैं इसलिए जैसे के वैसे रह गए हैं
नई करने के लिए काम करें नै बोले तो सुनते नै

मेरे घर मैं रह को बातां अम्मा बावा के कर 'रैन,
यान का खा को वान का गारैन ..
नै बोले तो सुनते नै

दुबई नै तो जिद्दा जाओ कैसा बी यान से निकलो,
उठते बैठते भेजा खारैन
नै बोले तो सुनते नै

इत्ती उमर मैं बाहर जा कर खाक काम को लाऊं गा,
हाथा धू को जैसे पड़गैन
नै बोले तो सुनते नै

जिस सूरत पे मैं मरता था कित्ती सीधी सदी थी
उस्पे "मेकअप" किए जारे, नई बोले तो सुनते नई

मुंह पो "मेकअप" थोपते जाते उमर के पीछे मत भागो
गई जवानी फिर नई आती नई बोले तो सुनते नई

बालां काले करते करते मुंह इत्ता काला हो गया
बच्चे देख को डरते हुए, नई बोले तो सुनते नै

उनके बालां "सेट" होने तक मेरे सर में गिनती के
हैं इसलिए बालां झड़ते जाराएं नई बोले तो सुनते नई

अच्छे-अच्छे फ़िल्में देखो कित्ता-कित्ता समझाया
गन्दे फ़िल्में देख को आएँ नई बोले तो सुनते नई

सरकारी आदेश है के बच्चे तीन से बढको नई होना
खट्टा खा के उल्टियां कर्रें नई बोले तो सुनते नई

अल्लाह ताओबा ख़मोखा तुम इत्ते बुड्डे हो को भी
चिल्लर चले करते जाराएं नई बोले तो सुनते नई

समधी से जब पूछा मैं, क्या समधन फिर उम्मीद से है
शर्मा को बस "अब्बा" बोलें
नई बोले तो सुनते नई

देखो कित्ता समझराओं मैं नई बोले तो सुनते नई
अपने मन मानी तुम करैं नई बोले तो सुनते नई

Lol

Lol अच्छा!
चिल्लर चाले...म्हणजे मला समजले नव्हते की थिल्लर चाळे!!

हा व्हिडिओ मस्त आहे! किती सहजतेने म्हटले आहे त्यांनी! वैताग अगदी पोहोचतो आहे!!
Happy

किती सहजतेने म्हटले आहे त्यांनी…

उनों खुदीच लिखे ना.

हौर उनों एकदम पोकर फेस रखकू बोलरै तोबी हंसी आती देखो सुन कू 😄

दूसरा पन्ना देखकू आना, हम पोष्टे थे वोहिच लिंक
संकर्षण बोले तो सुनते, हम बोले तो सुनते नै!!
Proud

स्वाती, Biggrin
सही बोले तुम.
ऐसा ही जमाना होगया.

आज प्रवासात माझा जुम्म्याचा क़िस्सा मागे राहिला जरा.

दोस्त लोगां, ये नया हैदराबादी किस्सा पेश है, जो ये नाचीज़ खुद लिखा.

* * *

- आओ जुम्मन मियाँ, सुभू सुभू ससुराल में कायकू आए? सब ख़ैरियत?

- हौ. सुभू कू बेगम से झगड़ा हुआ तो उनों बोले - जहन्नुम मे जाओ. इस वास्तेच आया इधर कू

😄 😄 😄

# शादीशुदा ज़िंदगी
# ससुराल जुम्मन का

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