Submitted by Admin-team on 3 January, 2009 - 00:57
शीर्षक | प्रतिसाद |
---|---|
काही हरकत नाही कविन | 31 |
कधीच ही आयुष्य कहाणी खरी वाटली नाही बेफ़िकीर | 5 |
दिस जातील दिस येतील... बागेश्री | 27 |
गझलेला कंटाळलेले..... बागेश्री | 78 |
किती दूर राहिले शहर मानसामधले.. भारती.. | 19 |
गुंडई........... वैवकु | 4 |
आत्म्याचा इतिहास pkarandikar50 | 4 |
ट-विता बागुलबुवा | 58 |
तू अन् मी भानुप्रिया | 16 |
सुगरण ( हजल ) वर्षा_म | 35 |
माझा सदरा फाटका.... तुझी मखमली चोळी बेफ़िकीर | 28 |
"ती"ची कविता ( झब्बू ) वर्षा_म | 11 |
भन्नाट बेफ़िकीर | 21 |
देवा तुझे अस्तित्व नामंजूर आहे बेफ़िकीर | 16 |
कशाला कर्मठांच्या मीलनाचे सोवळे पाळू बेफ़िकीर | 9 |