Submitted by Admin-team on 3 January, 2009 - 00:57
शीर्षक | प्रतिसाद |
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चालले माझे न काही, मज रुळावे लागले! सतीश देवपूरकर | 16 |
मी मोहरेन ज्याने तो हा वसंत नाही! सतीश देवपूरकर | 11 |
कसली तृष्णा, ओढ कशाची मला लागली आहे? सतीश देवपूरकर | 26 |
इतकी अजून मोठी माझी तहान नाही सतीश देवपूरकर | 6 |
कधी नेमके झाड बहरले, कळले नाही! सतीश देवपूरकर | 5 |
खळखळून हसलो नाही..... सतीश देवपूरकर | 19 |
ह्रदयाच्या तारा आता सतीश देवपूरकर | 15 |
आहे तुझ्याचसाठी एकेक श्वास माझा सतीश देवपूरकर | 10 |
जन्माची सोबत केली..... सतीश देवपूरकर | 21 |
हाय आले जीवनाचे भान मरताना सतीश देवपूरकर | 15 |
काळजाला माझिया पडली किती होती घरे; सतीश देवपूरकर | 11 |
जिंदगी वाट्यास आली प्रश्नचिन्हासारखी! सतीश देवपूरकर | 16 |
वाटले की, पाय मजला नेत होते.... सतीश देवपूरकर | 9 |
स्वप्नास वास्तवाची लागू नये नजर; सतीश देवपूरकर | 13 |
पैलू सतीश देवपूरकर | 15 |