ये कुछ आधे अधुरे पन्ने है

ये कुछ आधे अधुरे पन्ने है - पन्ना १४

Submitted by स्वप्ना_राज on 29 November, 2012 - 01:09

बृच्छ जो धुंडे बीजको, बीज बृच्छके माही
जीव जो धुंडे पीवको, पीव जीवके माही

ये कुछ आधे अधुरे पन्ने है - पन्ना 13

Submitted by स्वप्ना_राज on 12 March, 2012 - 03:59

फिर किसी शाखने फेकी छाव
फिर किसी शाखने हाथ हिलाया
फिर किसी मोडसे उलझे पाव
फिर किसी राहने पास बुलाया

गुलमोहर: 

Pages

Subscribe to RSS - ये कुछ आधे अधुरे पन्ने है