Submitted by सुसुकु on 7 March, 2012 - 13:31
अ आ इ ई उ ऊ ऊ - आई मी लवकर शाळेत जाऊ?
ए ऐ ओ औ अं अः अः - माझा सुंदर गणवेश पहा
क ख ग घ ग घ ङ - आई मी अभ्यास करणारं
च छ ज झ ज झ ञ - मी खूप शहाणा होणारं
ट ठ ड ढ ड ढ ण - आई घंटा वाजे घणघणं
त थ द ध द ध न - माझी शाळा खूप छानं
प फ ब भ ब भ म - आई मला आहे खूप कामं
य र ल व ल व श - करायचा आहे अभ्यासं
ष स ह ळ क्ष ज्ञ ज्ञ - आई मी मोठ्ठा होणार हं
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चाल - english A B C D ... प्रमाणे.
गुलमोहर:
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सुंदर
सुंदर
छानै!!
छानै!!
मुलांना खूपच आवडेल.
मुलांना खूपच आवडेल. म्हणायलाही सोपी
धन्यवाद पाषाणभेद, शाम आणि
धन्यवाद पाषाणभेद, शाम आणि pradyumnasantu.
अक्षर-ओळख शिकणार्या
अक्षर-ओळख शिकणार्या मुलांसाठी मस्तच आहे ही कविता
धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह
धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह में लगती आग।
स्वास्थ्य, सभ्यता, धन घटे, कर दो इसका त्याग।।
बीड़ी-सिगरेट पीने से, दूषित होती वायु।
छाती छननी सी बने, घट जाती है आयु।।
रात-दिन मन पर लदी, तम्बाकू की याद।
अन्न-पान से भी अधिक, करे धन-पैसा बरबाद।।
कभी फफोले भी पड़ें. चिक 1 जाता कभी अंग।
छेद पड़ें पोशाक में, आग राख के संग।।
जलती बीड़ी फेंक दीं, लगी कहीं पर आग।
लाखों की संपदा जली, फूटे जम के भाग।।
इधर नाश होने लगा, उधर घटा उत्पन्न।
खेत हजारों फँस गये, मिला न उसमें अन्न।।
तम्बाकू के खेत में, यदि पैदा हो अन्न।
पेट हजारों के भरे, मन भी रहे प्रसन्न।।
करे विधायक कार्य, यदि बीड़ी के मजदूर।
तो झोंपड़ियों से महल, बन जायें भरपूर।।
जीते जी क्यों दे रहे, अपने मुँह में आग।
करो स्व-पर हित के लिए, धूम्रपान का त्याग।।