नाचायला मोकळा...

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12 वर्ष ago
शेवटचा प्रतिसाद
12 वर्ष ago

माझ्या रंगीबेरंगी ब्लॉगचे हे पहिले पान मी माझे गुरुमित्र प्रो. आगाऊ साहेब यांना सादर सम्रपित करतो.

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मा. प्रो. साहेब,

स. न. वि. वि.

जागलो हो शब्दाला. घेतला बलॉग.
हक्काची जागा मिळाली. आता कसं, छान झालं. नुसता धुमाकुळ.
आता कसं, इथं मनसोक्त नाचायला मोकळा!

आ. न.
- ऋयाम.

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