ये शाम मस्तानी ..
Submitted by ज्ञानु on 24 November, 2012 - 07:59
प्रचि १
"शाम हो रही है
रास्ता नही मिल रहा
चलो सूरज की और जाये
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प्रचि 2
"ऐ सूरज
तू मुझे देख कर क्यों डर रहा है .
मे तुझे नही खाऊंगा "
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प्रचि 3
विषय:
शब्दखुणा: