Submitted by अवल on 30 August, 2012 - 07:04
सहज सुचलं म्हणून ही बाराखडी. काही अक्षरं सुचत नाहीयेत.
कभी कभी, खजांची, गबन, घराना
चलती का नाम गाडी, छलिया, जिने की राह, झुबेदा
टक्कर ठिकाना, डमरू, ढाई अक्षर प्रेम के, ण....
तीसमार खां, थांब लक्ष्मी कुंकू लावते, दिवार, धडकन, नसीब
पाकिजा, फंटूश, बेताब, भाबी की चुडिया, महाल
यादे, रुदाली, लम्हें, वतन, शर्मिली
ष...., सीमा, हस्ते जख्म, ळ...., क्षत्रिय, (संत) ज्ञानेश्वर
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ण , ष , ळ..............
ण , ष , ळ.............. च्या शोधासाठी शुभेच्छा
तमिळ -तेलगू -मल्याळ्म इत्यादीत शोधा मिळतील बहुधा !!
ष-----> षंढयुग, ळ------->
ष-----> षंढयुग, ळ-------> ळम्जुट्टा (तमिळ/तेलगू), ण .......( एकही नाही) Unavailable.
जिने की राह ---- ऐवजी ---> जनम.,जन्नत, जलवा, जन्म (मराठी)
तीसमार खां-----एवजी---> तक्षक, तमन्ना, तकदिरवाला, तलाश.
थांब लक्ष्मी कुंकू लावते--- एवजी ---> थरथराट.
दिवार--- एवजी ---> दशावतार, दर्द, दयावान.
पाकिजा --- एवजी ----> परवाना, पथिक. पतिता.
फंटूश --- एवजी ----> फर्ज, Fast and Furious.
बेताब ---- एवजी ----> बदमाश, बनफूल, बलवान.
...................... आता कंटाळा आला बुवा.