काळजी ..........

Submitted by वैवकु on 6 July, 2012 - 11:47

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रोज घेते जन्म माझी रोज मरते काळजी
माझिया गझलेत माझा रंग भरते काळजी

मी कसा जगणार?.... पडतो प्रश्न हा जेंव्हा मला
विठ्ठलाची याद येते आणि हरते काळजी
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पैल नसलेल्या तिराचा ऐल ठरते काळजी
काळजा_रे चाल मैलोन्मैल ;... उरते काळजी !
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मी कितीही टाळले जरि बेफिकीर होणे तरी
रोज माझ्या काळजाला घट्ट करते काळजी

मी कडेवर घेतल्यावर कारटी सोकावते
विठ्ठलाच्या कंबरेचा हट्ट धरते काळजी

...................विठ्ठलाच्या कंबरेचा हट्ट धरते काळजी!!
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गुलमोहर: