नाव नाही.

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14 वर्ष ago
शेवटचा प्रतिसाद
14 वर्ष ago

सहर का टूटा हुआ तारा लगे
अब तो ये दिल और बेचारा लगे..

जिंदगी हैरान है ये सोचकर
क्यूं किसीको मौत भी आसां लगे

रात कि तनहाईमे जब शाम डूबी
'सुबह होगी', ये भी इक वादा लगे

भीड से घेरा हुआ हर शक्स है
फिर भी हर कोई यहा तनहां लगे

ठोकरे खाता फिरे वो दर बदर
जिंदगी के बोझ का मारा लगे..

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न रुठ हमसे इतना भी साकी...
के जिंदगी लगे, जैसे सजा कोई बाकी

(मॉडरेटर - सध्या हिंदी सुचतंय म्हणून लिहीतेय खरं! पण इथे चालणार नसेल तर कळवलंत तर मी हिंदी पोस्ट कॉपी करुन दुसरीकडे हलवेन. Happy )

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