Submitted by webmaster on 3 April, 2008 - 13:16 ओळखा कोणते गाणे आहे Groups audience: विरंगुळाGroup content visibility: Public - accessible to all site users आज समय आया, मैने तुझे आज समय आया, मैने तुझे पाया मैं लता हूं तेरे प्यार की फूल नये लाऊं, तुजको महकाऊं मैं कली हूं तेरे हार की Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:27 Log in or register to post comments ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर आए ना आए थाम लो बाहें Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 08:29 Log in or register to post comments सबसे उल्फत सही मुझसे ही सबसे उल्फत सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही मैं तुम्हारी हूं यही मेरे लिए क्या कम है? Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 08:34 Log in or register to post comments बरोबर भरत. तुम मुझे भूल भी बरोबर भरत. तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक है तुमको... आता एक सोपं बहलाये जब दिल ना बहले तो ऐसे बहलाये गम ही तो है प्यार की दौलत ये कहकर समझाये Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:37 Log in or register to post comments konti gani ahet hi konti gani ahet hi Submitted by जाई. on 4 November, 2013 - 08:41 Log in or register to post comments जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा ओळखायचा आहे. Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:44 Log in or register to post comments ओके ओके Submitted by जाई. on 4 November, 2013 - 08:45 Log in or register to post comments हम प्यार में जलनेवालों को चैन हम प्यार में जलनेवालों को चैन कहां आराम कहां अपना मन छलनेवालों को चैन कहां आराम कहां जेलर Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:01 Log in or register to post comments हे ओळखा: जुबां से कभी उफ हे ओळखा: जुबां से कभी उफ निकलती तो होगी बदन धीमे धीमे सुलगता तो होगा Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:02 Log in or register to post comments कहीं एक मासूम, नाजुक सी कहीं एक मासूम, नाजुक सी लडकी बहुत खूबसुरत मगर भोली सी मुझे अपने सपनों की बाहों में पाकर कभी नींद में मुस्काती तो होगी Submitted by जाई. on 4 November, 2013 - 09:07 Log in or register to post comments बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:09 Log in or register to post comments ये जिसको काट ले वो पानी पी ये जिसको काट ले वो पानी पी नही सकता दवा तो क्या है दुवासे भी जी नही सकता Submitted by jayantshimpi on 4 November, 2013 - 16:15 Log in or register to post comments नागिन सी ये रात अन्धेरी बैठी नागिन सी ये रात अन्धेरी बैठी है दिलको घेरके रुठे जो तुम सब चल दिये मुख फेरके सुनील दत्त, साधना Submitted by देशमुख आबा on 5 November, 2013 - 06:56 Log in or register to post comments हे ओळखा इश्क की बाजी सिधी हे ओळखा इश्क की बाजी सिधी बाजी दिल जीतो और दिल हारो इस सौदे में ओ दिलवालों पाना क्या और खोन क्या. Submitted by दक्षिणा on 5 November, 2013 - 08:30 Log in or register to post comments दक्षिणा >>> वो देखे तो उनकी दक्षिणा >>> वो देखे तो उनकी इनायत ना देखे तो रोना क्या किशोरकुमार / आशा भोसले Submitted by स्निग्धा on 6 November, 2013 - 00:31 Log in or register to post comments क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ? क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ? Submitted by jayantshimpi on 6 November, 2013 - 12:07 Log in or register to post comments
आज समय आया, मैने तुझे आज समय आया, मैने तुझे पाया मैं लता हूं तेरे प्यार की फूल नये लाऊं, तुजको महकाऊं मैं कली हूं तेरे हार की Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:27 Log in or register to post comments
ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर आए ना आए थाम लो बाहें Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 08:29 Log in or register to post comments
सबसे उल्फत सही मुझसे ही सबसे उल्फत सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही मैं तुम्हारी हूं यही मेरे लिए क्या कम है? Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 08:34 Log in or register to post comments
बरोबर भरत. तुम मुझे भूल भी बरोबर भरत. तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक है तुमको... आता एक सोपं बहलाये जब दिल ना बहले तो ऐसे बहलाये गम ही तो है प्यार की दौलत ये कहकर समझाये Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:37 Log in or register to post comments
konti gani ahet hi konti gani ahet hi Submitted by जाई. on 4 November, 2013 - 08:41 Log in or register to post comments
जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा ओळखायचा आहे. Submitted by मिलिंदा on 4 November, 2013 - 08:44 Log in or register to post comments
हम प्यार में जलनेवालों को चैन हम प्यार में जलनेवालों को चैन कहां आराम कहां अपना मन छलनेवालों को चैन कहां आराम कहां जेलर Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:01 Log in or register to post comments
हे ओळखा: जुबां से कभी उफ हे ओळखा: जुबां से कभी उफ निकलती तो होगी बदन धीमे धीमे सुलगता तो होगा Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:02 Log in or register to post comments
कहीं एक मासूम, नाजुक सी कहीं एक मासूम, नाजुक सी लडकी बहुत खूबसुरत मगर भोली सी मुझे अपने सपनों की बाहों में पाकर कभी नींद में मुस्काती तो होगी Submitted by जाई. on 4 November, 2013 - 09:07 Log in or register to post comments
बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी Submitted by भरत. on 4 November, 2013 - 09:09 Log in or register to post comments
ये जिसको काट ले वो पानी पी ये जिसको काट ले वो पानी पी नही सकता दवा तो क्या है दुवासे भी जी नही सकता Submitted by jayantshimpi on 4 November, 2013 - 16:15 Log in or register to post comments
नागिन सी ये रात अन्धेरी बैठी नागिन सी ये रात अन्धेरी बैठी है दिलको घेरके रुठे जो तुम सब चल दिये मुख फेरके सुनील दत्त, साधना Submitted by देशमुख आबा on 5 November, 2013 - 06:56 Log in or register to post comments
हे ओळखा इश्क की बाजी सिधी हे ओळखा इश्क की बाजी सिधी बाजी दिल जीतो और दिल हारो इस सौदे में ओ दिलवालों पाना क्या और खोन क्या. Submitted by दक्षिणा on 5 November, 2013 - 08:30 Log in or register to post comments
दक्षिणा >>> वो देखे तो उनकी दक्षिणा >>> वो देखे तो उनकी इनायत ना देखे तो रोना क्या किशोरकुमार / आशा भोसले Submitted by स्निग्धा on 6 November, 2013 - 00:31 Log in or register to post comments
क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ? क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ? Submitted by jayantshimpi on 6 November, 2013 - 12:07 Log in or register to post comments
आज समय आया, मैने तुझे
आज समय आया, मैने तुझे पाया
मैं लता हूं तेरे प्यार की
फूल नये लाऊं, तुजको महकाऊं
मैं कली हूं तेरे हार की
ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर
ये तनहाई हाय रे हाय जाने फिर आए ना आए
थाम लो बाहें
सबसे उल्फत सही मुझसे ही
सबसे उल्फत सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूं यही मेरे लिए क्या कम है?
बरोबर भरत. तुम मुझे भूल भी
बरोबर भरत.
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक है तुमको...
आता एक सोपं
बहलाये जब दिल ना बहले तो ऐसे बहलाये
गम ही तो है प्यार की दौलत ये कहकर समझाये
konti gani ahet hi
konti gani ahet hi
जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा
जाई, हा अंतरा आहे. मुखडा ओळखायचा आहे.
ओके
ओके
हम प्यार में जलनेवालों को चैन
हम प्यार में जलनेवालों को चैन कहां आराम कहां
अपना मन छलनेवालों को चैन कहां आराम कहां
जेलर
हे ओळखा: जुबां से कभी उफ
हे ओळखा:
जुबां से कभी उफ निकलती तो होगी
बदन धीमे धीमे सुलगता तो होगा
कहीं एक मासूम, नाजुक सी
कहीं एक मासूम, नाजुक सी लडकी
बहुत खूबसुरत मगर भोली सी
मुझे अपने सपनों की बाहों में पाकर
कभी नींद में मुस्काती तो होगी
बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी
बरोबर : शंकर हुसेन - : रफी
ये जिसको काट ले वो पानी पी
ये जिसको काट ले वो पानी पी नही सकता
दवा तो क्या है दुवासे भी जी नही सकता
नागिन सी ये रात अन्धेरी बैठी
नागिन सी ये रात अन्धेरी
बैठी है दिलको घेरके
रुठे जो तुम सब चल दिये मुख फेरके
सुनील दत्त, साधना
हे ओळखा इश्क की बाजी सिधी
हे ओळखा
इश्क की बाजी सिधी बाजी दिल जीतो और दिल हारो
इस सौदे में ओ दिलवालों पाना क्या और खोन क्या.
दक्षिणा >>> वो देखे तो उनकी
दक्षिणा >>>
वो देखे तो उनकी इनायत
ना देखे तो रोना क्या
किशोरकुमार / आशा भोसले
क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ?
क्लु देण्याची प्रथा आहे काय ?