हा मैं तुझे याद करता हूं।.....
कुछ अल्फाजों को इकट्ठा करके
मै तेरी नज़्म लिखा करता हू।
मै खुद से भी नहीं करता
उतना इश्क तुझसे करता हू।
जब याद आते हो तुम
आंखे बंद करके
तेरा चेहरा देखा करता हू।
हा मैं तुझे याद करता हू।...
नींद में अक्सर करवटे
बदलता रहता हू।
रात को उठकर तेरी पसंदीदा
कॉफी बना कर पीता हू।
जब भी मुझे छु कर
गुजरती है ये हवा।
उस हवा मे भी तुझे मेहसूस करता हू।
हा मैं तुझे याद करता हू।...
दुनिया की इतनी भीड़ मे भी
मैं तनहा सा रहता हू।
रूठ जाता है कभी दिल तो
उसे तेरी नज़्म सुनाकर मनाता हू।