याद

हा मैं तुझे याद करता हूं।.....

Submitted by Happyanand on 23 December, 2019 - 09:48

कुछ अल्फाजों को इकट्ठा करके
मै तेरी नज़्म लिखा करता हू।
मै खुद से भी नहीं करता
उतना इश्क तुझसे करता हू।
जब याद आते हो तुम
आंखे बंद करके
तेरा चेहरा देखा करता हू।
हा मैं तुझे याद करता हू।...
नींद में अक्सर करवटे
बदलता रहता हू।
रात को उठकर तेरी पसंदीदा
कॉफी बना कर पीता हू।
जब भी मुझे छु कर
गुजरती है ये हवा।
उस हवा मे भी तुझे मेहसूस करता हू।
हा मैं तुझे याद करता हू।...
दुनिया की इतनी भीड़ मे भी
मैं तनहा सा रहता हू।
रूठ जाता है कभी दिल तो
उसे तेरी नज़्म सुनाकर मनाता हू।

शब्दखुणा: 

याद

Submitted by अतुलअस्मिता on 30 October, 2017 - 12:22

कवितेचे नाव: याद

वीज कडाडली अघोरी पाऊस

पिंपळ पाणावर घसरे तुषार

उतार पाण्याला की मनाला लहान

कोरड गडाडली का अवेळी तहान

आली जोरात जशी धरणफुटी

प्रसरून रंध्रात कशी पाझरली

उजाळून क्षण कशी भरली ओटी

आठवण तुझी तशी दाटून ओसरली

- अतुल चौधरी.
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रसग्रहण:

शब्दखुणा: 
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