मौनसुक्त

Submitted by सांज on 19 April, 2021 - 08:51

रिक्त रिक्त आरक्त नेत्र
त्रस्त त्रस्त आसक्त गात्र

सुक्त सुक्त विरक्त स्तोत्र
तप्त तप्त अग्निस अर्घ्य

रात्र रात्र कृष्ण-कभिन्न
स्वप्न स्वप्न कर्पूर धर्म्य

युगे युगे अश्वत्थ श्राप्य
शोक शोक शोकांत भव्य

अंत अंत परास्त अस्त
अंग अंग अलिप्त संग

शब्द शब्द सूर्यास्त सांज
स्निग्ध स्निग्ध रंगांध राग

मुग्घ मुग्ध दुर्बोध काव्य
अर्थ अर्थ गर्भार श्राव्य

~ सांज
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