Submitted by Swamini Chougule on 15 March, 2020 - 13:36
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी
कितने इन्तेहाँ तू लेगी
अब तू ही बता ए जिंदगी
तू कितना सताएगी
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी
तू कितना रुलाएगी
अब तू ही बता ए जिंदगी
तू कितना जगाएगी
आहिस्ता आहिस्ता
तू कितना कुछ सीखा रहीए जिंदगी
अपनो के चेहरे से नकाब
तू उतार रही हैं जिंदगी
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी
तू मुझे खुशी कब दिखाएगी
बस कर अब ए जिंदगी
तू मुझे सुकू कब दिखाएगी
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी
तू अब गले लगा भी ले
मुझे अब मुस्कुराने की
वजह दिला भी दे
©®स्वामिनी चौगुले
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