Submitted by बिपिनसांगळे on 11 May, 2019 - 13:28
धून वाजवी बासरीवाला
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धून वाजवी बासरीवाला
रास रंगला यमुनेच्या काठाला
पुनव प्रकाशी
सारे नाहले
दंग नर्तनी
सारे विसरले
भिडे टिपरी कोणाची कोणाला
धून वाजवी बासरीवाला
जळात लहर
अंगात बिजली
मी तू पणाची
भावना विझली
असीम शांतता मनाच्या तळाला
धून वाजवी बासरीवाला
आता राधा हरी
अन हरी राधा
गाठ जिवाशिवाची
हि भलतीच बाधा
स्वर्गीय नाद तो पोचे टिपेला
धून वाजवी बासरीवाला
बिपीन
Bip499@hotmail.com
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