चाहूल

Submitted by राजेंद्र देवी on 26 March, 2019 - 23:22

चाहूल

भिजले केश
भिजली वस्त्रे
भिजले पाऊल
ओल्या खडकावर
ओली चाहूल

गाल गुलाबी
डोळे शराबी
झिरमिळत्या बटां
सळसळत्या
नागिणीची चाहूल

जालीम अदा
नजर फिदा
हृदयात ओल
जखम खोल
उठते हूल
निरव ती चाहूल

राजेंद्र देवी

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