.............................

Submitted by स्वामी विश्वरूपानंद on 11 February, 2013 - 11:53

..................... ............. ................. .................. ...................... ......................... ................................. ............................... ................. ..................... ............................. ........................................

-(त्रिकालबाबा) साभार -फेसबुक

विषय: 
Groups audience: 
Group content visibility: 
Public - accessible to all site users

पुन्हा कधीही बोलायची इच्छा नसेल तरिही हमखास बोललं जाणारं एक वाक्य.
"आय अ‍ॅम बिझी राईट नाऊ, विल टॉक लेटर" लॅटर म्हणजे नक्की कधी? Uhoh