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Phatrya, तुझी कविता ( तुझी स्वताः ची असेल असे गृहीत धरुन ) खाली ठिकाणी हलवली आहे. ह्यापुढे तुमच्या कविता खालिल ठिकाणी टाका. ही कविता तुमची स्वताची नसेल तर खालिल ठिकाणी ती कोणाची आहे ते लिहा, म्हणजे ती योग्य ठिकाणी हलवली जाईल. Phatrya chi kavita
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| हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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| चोखंदळ ग्राहक |
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| महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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| व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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| पांढर्यावरचे काळे |
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| गावातल्या गावात |
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| तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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| आरोह अवरोह |
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| शुभंकरोती कल्याणम् |
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| विखुरलेले मोती |
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