जाणीव

Submitted by _आदित्य_ on 11 May, 2021 - 14:24

आहेत कैक येथे | तुझ्याहुनी श्रेष्ठ |
अहंकारे भ्रष्ट | होऊ नको ||

मोजू पाहू नको | ब्रम्हांडाचा व्यास |
ते तुझीया मनास | शक्य नाही ||

जीवंत आहेस | हे त्याचे उपकार |
आनंदे आभार | मान त्याचे ||

आलास एकटा | एकटाचं जाशी |
जाणीव जराशी | असू द्यावी ||

- आदित्य

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