Submitted by प्रजननविरोधी on 1 July, 2020 - 13:14
॥अरे बोलेंगे भाई बोलेंगे
बार बार हम बोलेंगे ॥
हर प्राणी की मुक्ति तक
ललकार हम लगाएंगे
हर बछडे को दूध का
अधिकार हम दिलाएंगे
दिन दहाड़े गाय का
बलात्कार हम रुकाएँगे
हर माता की ममता का
व्यापार हम डुबाएँगे
छीने दूध के ग्राहक को
बार बार हम टोकेंगे
प्रजातिवाद के रावण को
हर बार जलाएंगे
॥अरे बोलेंगे भाई बोलेंगे
बार बार हम बोलेंगे ॥
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