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| | Nalini 
 |  |  |  | Monday, December 19, 2005 - 10:24 am: |       |  
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 दिनेशदा, तुम्हाला तुमची स्वतंत्र जागा,चंपकच्या भाषेत खोली मिळाली त्याबद्दल अभिनंदन.
 
 
 |  | | Moodi 
 |  |  |  | Monday, December 19, 2005 - 10:44 am: |       |  
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 दिनेश अभिनंदन मनापासुन. खुप आनंद झालाय, आता मात्र नवीन किंवा अगदी तुमच्या लहानपणातील गोव्याचे वगैरे अनुभव लिहा. नक्कीच आवडेल हे वाचायला.
  
 
 |  | | Champak 
 |  |  |  | Monday, December 19, 2005 - 10:48 am: |       |  
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 D  का इलाका
   
 भुखंड घेतल्याबद्दल अभिनंदन हो!
   
 
 |  | | Bhagya 
 |  |  |  | Tuesday, December 20, 2005 - 12:35 am: |       |  
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 वा! आता आम्हाला पण हक्काची जागा' मिळाली गप्पा गोष्टी करायला!
 मन : पूर्वक अभिनन्दन!
 
 
 |  | | Chinnu 
 |  |  |  | Tuesday, December 20, 2005 - 6:20 pm: |       |  
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 अभिनंदन हो दिनेश, तुम्हाला आणि आम्हाला पण!
 
 
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| चोखंदळ ग्राहक |  |  
| महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |  |  
| व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |  |  
| पांढर्यावरचे काळे |  |  
| गावातल्या गावात |  |  
| तंत्रलेल्या मंत्रबनात |  |  
| आरोह अवरोह |  |  
| शुभंकरोती कल्याणम् |  |  
| विखुरलेले मोती |  |  
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| हितगुज गणेशोत्सव २००६ |  |  
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