Neel_ved
 
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 |  | Friday, July 08, 2005 - 3:56 am:    |  
 
 
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 namaskarÊ  Aaplyaa sava- jaunyaa caaila rItIMmaagao kahI Xaas~Iya karNao Aahot Asao malaa vaaTto.... yaavar AaQaairt
kahI pustk Aaho kaÆ Asalyaasa malla %yaacao naava imaLu Xakola kaÆ     karNa Kup vaoLa AapNa kahI gaÜYTI AapNa kovaL ipZ\yaanaipZ\yaa caalat Aalyaat mhNauna krtÜ... yaamaagacao
karNa Garatlyaa maÜz\yaaMnaahI maahItI nasato....     Qanyavaad 
 
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Deemdu
 
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 |  | Friday, July 08, 2005 - 8:36 am:    |  
 
 
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 Xaas~ Asao saaMgato naavaacao pustk Aaho  Kup Cana Aaho 
 
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Neel_ved
 
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 |  | Friday, July 08, 2005 - 8:38 am:    |  
 
 
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 Qanyavaad idpalaIÊ laoKkacao naava kLu Xakola kaÆ 
 
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Pha
 
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 |  | Monday, July 11, 2005 - 4:42 am:    |  
 
 
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 naIlavaodÊ idmDU mhNatoya to pustk  vaodvaaNaI p`kaXana yaaMnaI p`kaiXat kolao Aaho.  %yaaba_lacaI maaihtI  [qao imaLola ³%yaaMcyaa saaTva$na faÐT Da}nalaÜD kravaa laagaola.´. 
 
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Neel_ved
 
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 |  | Monday, July 11, 2005 - 6:21 am:    |  
 
 
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 dIpalaIÊ fÊ Qanyavaad .... 
 
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Zelam
 
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 |  | Wednesday, August 31, 2005 - 3:30 pm:    |  
 
 
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 iptRpMQarvaD\yaat caaMgalyaa gaÜXTI na krNyaakdo kla ka AsatÜÆ maaJyaa AÜLKIcyaanaa iptRpMQarvaD\yaatca
navaIna GarI  shift  vhavao laagaNaar Aaho. 
 
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Moodi
 
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 |  | Wednesday, August 31, 2005 - 4:15 pm:    |  
 
 
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 Jaolama malaa Kro tr ho maaiht Aaho kI ha pMQarvaDa ha navaIna Garat jaaNaoÊ navaIna kpDo GaoNaoÊ lagnaacyaa
gaÜYTI mhNajao baÜlaNaI krNao [%yaadIkrta AXauBa maanalaa jaatÜ.     Aata kaL badlalaa AahoÊ lagnao doKIla Bala%yaaca maihnyaat hÜtat. tr yaa gaÜYTI^ maagao pDavyaat Asao
vaaTto. pNa manaat XaMka AalaI tr Kro kÉ nayao.     trIhI paihjao tr GarI ekda %yaanaI fÜna kÉna ivacaarNao ]<ama.maÜz\yaaMcaa sallaa Davalau nayao. pNa
  us  maQyao ho gaÜro laÜk inayamaacao p@ko %yaamauLo tuJyaa   friends  caI ivanaMtI maanya hÜvau Xakola ka to hI baGaa.karNa  contract   tr Jaalaoca Asaola kI.   
 
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Zelam
 
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 |  | Wednesday, August 31, 2005 - 4:50 pm:    |  
 
 
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 hÜÊ  contract  AaiNa tarKa inaiXcat Aahot 
 
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Ajitpat
 
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 |  | Saturday, February 18, 2006 - 10:03 am:    |  
 
 
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 New  Book in marathi chitpaawan   kokanastha braahman kutumbiyaachyaa   kuladaiwataawishhayii  ek  pustak prakaashit hot aahe    180 paanii  pustak asun tyaachii  kimmat ru.250 ahe    prakaashanapurwa  sawalat  ru.50  asun  he pustak ru. 200 laa  bhaarataamadhye  postaane  gharapoch  paathawale  jaaeel    aapalyaa  maaganiisaathi lagech  liihaa    ajit patwardhan  Patwardhan Agro Farm  Miraj 416410  
 
 
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Chami
 
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 |  | Sunday, February 26, 2006 - 5:55 am:    |  
 
 
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 मला कोणी शिवलिलाम्रुतचा ११ वा अध्याय कोणी देईल का? 
 
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Smd
 
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 |  | Tuesday, March 14, 2006 - 5:11 pm:    |  
 
 
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 लग्नाच्या वेळी वधुवरा च्या मूळ नक्षत्राचा दोष असतो का असल्यास,  दोष निवारण कसे करावे यावर कुणी प्रकाश टाकेल काय?    
 
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Moodi
 
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 |  | Wednesday, March 15, 2006 - 10:23 am:    |  
 
 
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 यातील एवढे माहीत नाही, पण शांती करावी लागते असे वाचलय. तरी हा प्रश्न ज्योतिष्य बीबीवर टाकुन बघावा. 
 
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 निलवेद, तु जर ते पुस्तक  download  केले असशील  site  वरुन तर मला    sanjeevasawale@yahoo.com    वर कृपया मेल करना. 
 
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Grihini
 
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 |  | Tuesday, August 08, 2006 - 8:54 pm:    |  
 
 
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 परदेशात रहाताना ह्या बी बी वर काल एक शन्का विचारली होती. भारतात घरी गणपती बसवत अस्तिल तर इथे वेगळा बसवु शकतो का?  मला सल्ला लवकर हवा आहे. कुणी सान्गु शकेल का मला. 
 
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Aandee
 
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 |  | Saturday, August 12, 2006 - 4:48 am:    |  
 
 
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 ग्रुहिणी भारतातघरी गणपती बसवत असतीलतर इथै बसवायची गरज नाही पण इछा असेल तर बसवला तरी चालेल पण तुम्ही जो पयन्त तिथे आहात तो पयन्त गणपती बसवावा लागेल 
 
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Chiku
 
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 |  | Tuesday, August 15, 2006 - 9:00 pm:    |  
 
 
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 सध्या मी व माझा नवरा एका संभ्रमात आहोत, तज्ञ लोक मार्गदर्शन करतील अशी अपेक्शा आहे.    आम्ही कायमस्वरुपी अमेरिकेत राहतो. इथे येताना मी घरातले काही मोजके देव घेऊन आले होते. भारतातल्या घरी बाकिचे देव आहेत पण आता त्यांची पुजा करणारे कोणी नाही, घरी देव तसेच आहेत. ते आम्हाला योग्य वाटत नाही. माझ्या माहितीप्रमाणे घरातले मुळचे काही देव काकांच्या घरी आहेत. आत्ताच्या बाकि देवांपैकी पुर्वापार चालत आलेले देव आहेत कि नाही, असल्यास कोणते हे सांगणारे वडिलधारे माणुसही कोणी नाही.  आम्हांला असे वाटते की अमेरिकेतल्या घरी जे देव आहेत त्यांचेच आपण व्यवस्थित करावे, भारतातले अजुन देव इथे आणुन वाढवु नयेत. आमचे प्रश्न असे  १) मुळात हा विचार योग्य आहे का?  २) हा विचार योग्य असेल तर भारतातल्या देवांचे काय करावे?  ३) ज्या कुटुंबात फ़क्त मुलीच आहेत, त्यांच्या माहेरी पुढे देवांचे काय होते? (हा माझ्या अजुन एका मैत्रिणीला पडलेला प्रश्न, कारण तिला भाऊ नाही, त्या दोघी बहिणी आहेत)    प्लिज कोणी सांगु शकेल का?           
 
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Moodi
 
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 |  | Tuesday, August 15, 2006 - 9:40 pm:    |  
 
 
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 चिकु भारतातल्या देवांचे काका करतील का हे त्यांना विचार.( तू सासरचे देव आणलेस की माहेरुन आपल्याला बाळकृष्ण आणि अन्नपूर्णा मिळते ती आणलीस? आणि बाकी फोटो वगैरे विकत घेतलेस?)     ज्यांना भाऊ नाहीत ते काय करणार?  माझ्या घरी हीच परिस्थिती. असे वाचलेय की देव व्यवस्थीत पूजा करुन पेटीत ठेवावेत अन पेटी योग्य जागी ठेवावी. काही जण देव मंदिरात पण दान करतात.     मी तज्ञ नाही पण जे वाचलेय ते सांगीतले. अजून चौकशी करुन सांगेन.  
 
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Chiku
 
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 |  | Tuesday, August 15, 2006 - 11:14 pm:    |  
 
 
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 मुडी,  सासरचे काही आहेत आणि अन्नपुर्णाही आहे.  काकांना विचारणे हा पर्याय चांगला आहे पण ते पण नाही म्हणले तर? शिवाय देव बंद करुन ठेवु नये म्हणतात न?   
 
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Chiku
 
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 |  | Thursday, August 17, 2006 - 11:43 pm:    |  
 
 
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 अजुन कोणी माहिती देईल काय? 
 
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Narayanp
 
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 |  | Friday, September 01, 2006 - 12:10 pm:    |  
 
 
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 आकाशातून पडणारा प्रत्येक पाण्याचा ठेम्ब शेवटी समुद्रातच जातो.  सर्व देवानाचि पुजा केली तर ती श्रीक्रुशनाला पोहचते. म्हणुन एका  देवाचि पुजा केली तरी चालेल. ती क्रुशनालाच पोहोचेल. 
 
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