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Giriraj
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| | Saturday, August 21, 2004 - 6:47 pm: |
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चंदन बटवा... मेथिपेक्षा आकारने थोडी लहान असलेली पाने बुळबुळीतशी दिसतात.. ही भाजी सहसा श्रावणात मिळते. भाजी अगदीच साधी असते. नेहेमीप्रमाणे जिरे मोहोरीची फोदणी देऊन घ्यावी.. लसूण तांबूस होईपर्यन्त परतून घ्यावेत.. आणि नंतर निवडलेली भाजी कोरडीच (मेथीप्रमाणेच) परतून घ्यावी.. पांच सात मिनिटे मंद आचेवर झाकण घालून शिजू ध्यावी. यांतले लसूण अतिशय चविष्ट लागतात! बाजरीच्या भाकरीबरोबर ही भाजी स्वर्गीय आनंद देते..
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| हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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| चोखंदळ ग्राहक |
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| महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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| व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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| पांढर्यावरचे काळे |
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| गावातल्या गावात |
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| तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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| आरोह अवरोह |
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| शुभंकरोती कल्याणम् |
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| विखुरलेले मोती |
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